ज्ञानवापी परिसर के व्यास तहखाने में हिंदू पक्ष के पूजा करने पर रोक लगाने से सुप्रीम कोर्ट ने किया इनकार
स्टार न्यूज टेलिविज़न
राकेश की रिपोर्ट
लखनऊ:सुप्रीम कोर्ट ने वाराणसी स्थित ज्ञानवापी परिसर के व्यास तहखाने में हिंदू पक्ष के पूजा करने पर रोक लगाने से सोमवार को इनकार कर दिया है.
मुस्लिम पक्ष ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के फ़ैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी, जिस पर सुनवाई करते हुए अदालत ने यह फ़ैसला दिया.
मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंदचूड़ की अध्यक्षता वाली खंडपीठ के इस फ़ैसले का मतलब यह हुआ कि 31 जनवरी और एक फरवरी की दरम्यानी रात से ज्ञानवापी परिसर के तहखाने में शुरू हुई पूजा आगे भी जारी रहेगी.
सुप्रीम कोर्ट ने ये भी कहा कि बिना उसकी अनुमति के इस यथास्थिति में कोई बदलाव नहीं किया जाए.
शीर्ष अदालत ने ज्ञानवापी मस्जिद कमेटी की याचिका पर काशी विश्वनाथ मंदिर के ट्रस्टियों और अन्य से 30 अप्रैल तक जवाब मांगा है.
इससे पहले 31 जनवरी को वाराणसी की ज़िला अदालत ने 30 साल पहले ज्ञानवापी परिसर के व्यास तहखाने में होने वाली पूजा पर सरकार की ओर से लगाई गई रोक हटाते हुए पूजा करने की अनुमति दी थी.
अदालत ने इससे पहले 17 जनवरी को वाराणसी के ज़िलाधिकारी को व्यास जी के तहखाने का रिसीवर नियुक्त किया था.
उसके बाद मुस्लिम पक्ष ने ज़िला अदालत के फ़ैसले को इलाहाबाद हाईकोर्ट में चुनौती दी थी. लेकिन हाईकोर्ट ने भी तहखाने में मिली पूजा की अनुमति पर रोक लगाने से इनकार कर दिया. मुस्लिम पक्ष उसके बाद सुप्रीम कोर्ट पहुंचा था.
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ज़िला अदालत के 17 जनवरी और 31 जनवरी के आदेशों के बाद मुस्लिम पक्ष ज्ञानवापी परिसर में बिना किसी बाधा के नमाज़ पढ़ी जा रही है.
अदालत ने ये भी कहा कि हिंदू पक्ष को दी गई पूजा की अनुमति तहखाने तक ही सीमित है. इसलिए ये उचित होगा कि यथास्थिति बनी रहे, ताकि दोनों समुदाय उपासना करते रहें.