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ताज महोत्सव में अखिल भारतीय कवि सम्मेलन २४ को, इस बार आमंत्रित कवियों के नाम पढ़कर आपको अच्छा लगेगा साहित्य

स्टार न्यूज़ टेलीविजन आगरा,

आगरा उत्तर प्रदेश संस्कृति एवं व्यंजन का उत्कृष्ट आयोजन है ताज महोत्सव। इस बार ताज महोत्सव का मूल कथ्य (थीम) है संस्कृति और समृद्धि। ताजमहल की छाया में पल्लवित शिल्पग्राम में ताज महोत्सव का शुभारंभ १७ फरवरी, २०२४ को हुआ। यह २७ फरवरी तक चलेगा। इस बार ताज महोत्सव में अखिल भारतीय कवि सम्मेलन २४ फरवरी २०२४ को सूरसदन में होगा। समय है रात ८.३० बजे से। इस बार कवि सम्मेलन खास है। वह क्यों है, इसके अखिल भारतीय कवि सम्मेलन में कमलेश मौर्य, वागीश दिनकर, डॉ. विष्णु सक्सेना, विनीत चौहान, मनवीर मधुर, राजेश चेतन, डॉ. रुचि चतुर्वेदी (आगरा), नीलोत्पल मृणाल, डॉ. राज बहादुर सिंह राज (आगरा), डॉ. सोनरूपा विशाल और कु. आहुति को काव्यपाठ के लिए आमंत्रित किया है।अच्छी बात यह है कि ११ कवियों में तीन कवयित्रियां भी हैं। अच्छी बात यह भी है कि आगरा के उन दो नामचीन कवियों को भी शामिल किया गया है जो अब तक उपेक्षित ही रहे हैं। डॉ. रुचि चतुर्वेदी और डॉ. राजबहाजुर सिंह राज ओज के कवि हैं। जब वे मंच पर काव्यपाठ करते हैं तो हर कोई एकटक देखता और सुनता रह जाता है। ताज महोत्सव के मूल कथ्य से सराबोर करेंगे कवि सूरज तिवारी इन दिनों कवि सम्मेलन के आमंत्रण पत्र वितरित कर रहे हैं। डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वनिद्यालय के संस्कृति भवन में प्रोफेसर लवकुश मिश्रा के यहां भेंट हुई। मुझे भी आमंत्रण पत्र दिया। जब मैंने भी आमंत्रित कवियों को देखा तो खुशी हुई। वह इसलिए कि कमलेश मौर्य, विनीत चौहान, मनवीर मधुर, नीलोत्पल मृणाल. डॉ. रुचि चतुर्वेदी, डॉ. राज बहादुर राज, डॉ. सोनरूपा विशाल ऐसे कवि हैं जिनके हृदय में भारत और भारत की समृद्धि संस्कृति बसती है। आशा की जा रही है कि ताज महोत्सव के मूल कथ्य संस्कृति और समृद्धि की झलक कवि सम्मेलन में दिखाई देगी।

श्री अशोक चौबे एडवोकेट ने बताया कि इस बार का कवि सम्मेलन बड़ा खास है। उन्होंने आम जनता से आग्रह किया है कि कवि सम्मेलन में समय पर पधारें। परिवार समेत आएं। कवियों की ओजस्वी वाणी सुनने से चूक गए तो एक वर्ष प्रतीक्षा करनी पड़ेगी। कवियों के चयन का आधार क्या है, प्रश्न पर कहा कि ताज महोत्सव के मूल कथ्य से मेल खाते कवियों को बुलाया गया है। आप देखेंगे कि कवि सम्मेलन बड़ा जोरदार होगा।
कवि सम्मेलन का उद्घाटन केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्यमंत्री प्रोफेसर एसपी सिंह बघेल, डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय की कुलपति प्रोफेसर आशु रानी और आगरा के अपर पुलिस आयुक्त केशव चौधरी करेंगे। बता दें कि प्रोफेसर बघेल स्वयं कवि हैं। उनका कविताएं तत्कालीन संकुचित समाज पर तीखा प्रहार करती हैं।
आगरा से पत्रकार अमीन अहमद की रिपोर्ट।

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