आयुर्वेद है सुखी जीवन का आधार: प्रियरंजन त्रिवेदी
सुषमा रानी
दिल्ली। आयुषधाम शोध संस्थान द्वारा आज दवा मुक्त दर्द मुक्त रोग मुक्त भारत अभियान का शुभारंभ किया गया। इस अवसर पर बतौर उद्घाटनकर्ता भारतीय विश्वविद्यालय परिसंघ के अध्यक्ष डा प्रियरंजन त्रिवेदी ने कहा की खान पान में संयम कर आहार व्यवहार का उचित ध्यान रख कर स्वस्थ्य रहा जा सकता है। सुभाष चंद्र कानखेरिया ने कहा की आयुर्वेद में और भी रिसर्च की जरूरत है। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान के डीन डॉ (प्रो) महेश व्यास ने कहा की आयुर्वेद भारत की पौराणिक चिकित्सा पद्धति है। आज अंग्रेजी दवा खाकर अब जाते हैं। बीमारी लाईलाज हो जाती है तब आयुर्वेद की तरफ जाते है। शुरू में ही आयुर्वेद से इलाज हो तो बीमारी जड़ से समाप्त हो सकती है। ग्लोबल नागालैंड यूनिवर्सिटी के चांसलर डॉ एसएन पाण्डे ने कहा की दवा से ज्यादा जरूरी है लोग खान पान का ध्यान रखें। ब्लेसिंग्स के फाउंडर अजय चावला ने कहा की योग ध्यान और शारीरिक श्रम कर शरीर को स्वस्थ रखा जा सकता है। गीता भवन आयुर्वेद संस्थान के व्यवस्थापक गौरी शंकर मोहता ने कहा की प्रकृति के बीच रहकर ही स्वस्थ रहा जा सकता है। उन्होंने लोगों का आह्वान किया की स्वास्थ लाभ के लिए गीता भवन ऋषिकेश आएं। वहां निःशुल्क रहने की व्यवस्था है। शुद्ध पर्यावरण में कुछ दिनों के लिए आएं बीमारी स्वतः ठीक हो जायेगी। आओ साथ चलें के राष्ट्रीय संयोजक विष्णु मित्तल ने कहा की प्राकृतिक चिकित्सा द्वारा लोगों का जीवन सुखायु और दीर्घायु हो जायेगा। आयुषधाम शोध संस्थान के संस्थापक राकेश कुमार ने कहा की प्रेम करुणा और दया का भाव मन में रखकर असाध्य रोगों से बच सकते है। इस अवसर पर मदन खत्री, राष्ट्रप्रकाश, कृष्ण कुमार, सीमा जैन, महेश गुप्ता, स्मृति, त्रियम्बक वत्स आदि लोगों ने अपने विचार रखे। इस अवसर पर मयूर विहार, कृष्णा नगर, लक्ष्मी नगर मधु विहार से आए 80 लोगों का नाड़ी वैद्य द्वारा निःशुल्क चिकित्सा जांच किया गया।