नई दिल्ली, । दिल्ली में आसमानी आफ़त के बाद आई बाढ़ ने लोगों को बेघर कर दिया।इस बाढ़ ने स्कूलों में पढ़ने वाले सैकड़ों बच्चों की पढ़ाई को प्रभावित किया है। स्कूलों में पढ़ने वाले छात्रों की कापी किताब बस्ता सब कुछ बाढ़ के पानी में बह गया। अब इन बच्चों को बाढ़ पीड़ितों के लिए लगे राहत शिविर के टेंट में पढ़ाया जा रहा है। इस इंसानियत से भरें काम को यमुना खादर में ही रहने वाले सतेंद्र पाल शाक्य नाम के शख्स द्वारा अंजाम दिया जा रहा है।सतेंद्र पाल शाक्य ने बताया कि यमुना खादर में रहने वाले बच्चों के लिए वो स्कूल चलाते हैं इस स्कूल में छात्रों । लेकिन बाढ़ में उनका स्कूल भी डूब गया।अब बाढ़ पीड़ित छात्रों को वह बाढ़ पीड़ितों के लिए बनें राहत शिविर के टेंट में पढ़ा रहे हैं।अब स्कूल भी खुल चुकें हैं, ऐसे में कहीं यह बच्चे पढ़ाई में अन्य बच्चों से पिछड़ ना जाए इसलिए इन बच्चों की पढ़ाई शुरू कर दी है।
सतेंद्र पाल शाक्य ने बताया कि इन दिनों बाढ़ पीड़ित राहत शिविर में रहने वाले ज्यादातर बच्चों को आई फ्लू हो रहा है इस लिए उन बच्चों को स्कूल आने से मना कर दिया गया है। लेकिन बच्चों की पढ़ाई कराने का प्रयास हमारे द्वारा किया जा रहा है ताकि बच्चे पढ़ाई में ना पिछड़े।