सुषमा रानी
नई दिल्ली, 26 जून, – दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष चौ0 अनिल कुमार ने कहा कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल बिजली के बिलों में बढ़ोतरी कर बिजली कंपनियों को फायदा पहुचाने के लिए सीधा बिजली बिलों पर प्रति यूनिट की दरे बढ़ाने की जगह पावर परचेज एग्रीमेंट की आड़ में बिलों पर अतिरिक्त सरचार्ज की लगभग 10 प्रतिशत की बढ़ोतरी के केजरीवाल सरकार के फैसले की दिल्ली कांग्रेस कड़ी निंदा करती है। उन्होंने कहा कि 2013 में अरविन्द केजरीवाल कहते थे कि सरकार की मर्जी के बिना डीईआरसी को बिजली दरें बढ़ाने का अधिकार नही, अब डीईआरसी द्वारा बिजली दरें बढ़ाने पर केजरीवाल का दोहरा मापदंड दिल्ली की जनता के साथ धोखा है। क्यों मुख्यमंत्री बिजली कंपनियों का 8 वर्षों में ऑडिट नही करवाते है।
चौ0 अनिल कुमार ने कहा कि अरविन्द केजरीवाल ने दिल्ली सरकार द्वारा बिजली बिलों की बढ़ोत्तरी को अपनी गलती मानने की जगह हमेशा दूसरों पर दोषारोपण की राजनीति करते आये है, जो उनके व्यक्तित्व का कढ़वा सच है जिसको दिल्लीवासी पहचान चुके हैं। उन्होंने कहा कि बिजली मंत्री आतिशी कोयले के दाम में बढ़ोतरी तो बिजली की दरें बढ़ाने की मजबूरी बताना कहीं न कहीं भाजपा की केन्द्र सरकार से सुर मिलने वाला लगता है। उन्होंने मांग की कि जब दूसरी तरफ बिजली मंत्री आतिशी कहती है कि 200 यूनिट से नीचे वाले उपभोक्ताओं पर बिजली की बढ़ी दरों का असर नही होगा तो फिर शेष जनता के साथ भेदभाव कर उनको बिजली के दाम से राहत क्यों नही देती आम आदमी पार्टी सरकार। उन्होंने कहा कि क्या कोयला पहले महंगा नही आ रहा था, शीला सरकार के दौरान 24 घंटे बिजली बहुत ही सस्ती दरों पर मुहैया कराई जाती थी परंतु मौजूदा आम आदमी पार्टी और भाजपा दोहरी राजनीति करके लोगों पर लगातार अतिरिक्त आर्थिक बौझ डालने का काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि बिजली उपभोक्ताओं पर पड़ने वाले अतिरिक्त बौझ के लिए केजरीवाल सरकार पूरी तरह जिम्मेदार है।
चौ0 अनिल कुमार ने कहा कि अरविन्द केजरीवाल सरकार ने एक साजिश के तहत उपभोक्ताओं को मिलने वाली बिजली सब्सिडी को बिजली कंपनियों देकर दिल्ली के बिजली उपभोक्ताओं के साथ धोखा किया है। जहां एक ओर दिल्ली सरकार ने उपभोक्ताओं की सब्सिडी के 26000 करोड़ रुपये बिजली कंपनियों दिए है वहीं दूसरी ओर बिजली कंपनियों ने फिक्स चार्ज के नाम पर उपभोक्ताओं से 16000 करोड़ रुपये वसूले है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस की लगातार मांग के बावजूद पिछले 8 वर्षों में डिस्कॉम/बिजली कंपनियों का ऑडिट नही कराया है। उन्होंने कहा कि बिजली कंपनियों को फायदा पहुंचाने के लिए अरविन्द केजरीवाल सरकार ने 25-28 दिन के सर्कल पर बिल लेकर उपभोक्ताओं पर दोहरी मार कर रहे है। मैं बताना चाहता हूॅ कि कांग्रेस शासन के दौरान बिजली बिल 45-50 दिन के सर्कल पर आता जो मौजूदा बिलों से कम होता था।
चौ0 अनिल कुमार ने कहा कि दिल्ली में 200 यूनिट मुफ्त बिजली के नाम पर गरीब दिल्ली वालों को लूटा जा रहा है। जब 200 यूनिट बिजली मुफ्त है तब 3 रुपये प्रति यूनिट वसूलने का प्रावधान क्यों? वहीं 200 यूनिट के 1 यूनिट उपर होने के बाद उपभोक्ता पूरा बिल अदा कर रहा है। कहीं तो 200 यूनिट से कम होने पर भी पूरा बिल लिया जा रहा है। 201 से 400 यूनिट पर सीधा 4.50 रुपये प्रति यूनिट चार्ज करके दिल्ली की जनता को लूटा जा रहा है जबकि 201 यूनिट के बाद 3 रुपये प्रति यूनिट चार्ज किया जाना चाहिए। डीईआरसी के प्रावधानों के मुताबिक दिल्ली में बिजली दर 700 यूनिट के बाद लगभग 10 रुपये प्रति यूनिट पहुंच जाता है।
चौ0 अनिल कुमार ने कहा कि प्रतिदिन राजधानी दिल्ली की बिगड़ती कानून व्यवस्था की जिम्मेदारी लेते हुए मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल और केन्द्र सरकार के गृहमंत्री अमित शाह को तुरंत प्रभाव से इस्तीफा देना चाहिए। उन्होंने कहा कि केन्द्र और दिल्ली सरकार की कानून व्यवस्था के प्रति लापरवाही के कारण अपराधी दिल्ली में आकर शरण ले रहे है और यहां सरे आम अपराधों को अंजाम दे रहे है। हर क्षेत्र में सी.सी.टी.वी. लगे होने के बावजूद अपराध होने में, कहीं न कहीं पुलिस अपना काम ठीक से नही कर रही है। उन्होंने कहा कि राजधानी में अपराधियों का सुरक्षित महसूस करना अरविन्द केजरीवाल सरकार और केन्द्र सरकार की सुरक्षा नीति पर प्रश्न चिन्ह लगाता है।
चौ0 अनिल कुमार ने कहा कि मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल पंजाब का उदाहरण देकर दिल्ली में हो रहे अपराधों की जिम्मेदारी से बच नही सकते। नेशनल क्राईम ब्यरों के आंकड़ों के अनुसार अब राजधानी में प्रतिदिन 5 रेप की घटनाऐं बढ़कर 10 रेप प्रतिदिन हो रहे है, जिसके कारण महिलाएं राजधानी में असुरक्षित महसूस कर रही है। दिन दहाड़े सड़कों पर लूटमार, हत्याएं, झपटमारी से लोगों दहशत पनप रही है जिसके कारण देश की राजधानी दिल्ली को अपराधिक राजधानी के रुप में पहचान बन चुकी है।