
जमाअत के उपाध्यक्ष ने देश भर में होने वाले SIR पर ज़रूरी सवाल उठाए
मुख्य संवाददाता
नई दिल्ली, 28 अक्टूबर :
जमाअत-ए-इस्लामी हिंद के उपाध्यक्ष मलिक मोअतसिम खान ने मुख्य चुनाव आयुक्त द्वारा 12 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में वोटर लिस्ट के देशव्यापी स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) की घोषणा पर गहरी चिंता व्यक्त की है। उन्होंने चुनाव आयोग से बिहार में हाल ही में हुए SIR से सबक लेते हुए इस प्रक्रिया में पारदर्शिता, निष्पक्षता और समावेश की अपील की ताकि बड़े पैमाने पर वोटरों के नाम हटाए जाने की एक और लहर को रोका जा सके।
मीडिया को जारी एक बयान में उन्होंने कहा, “बिहार SIR में गंभीर गड़बड़ियां, अव्यवहारिक टाइमलाइन और पारदर्शिता की कमी थी। शुरू में ड्राफ्ट लिस्ट से लगभग 65 लाख नाम हटा दिए गए थे, जो एक अभूतपूर्व संख्या थी –
मलिक मोअतसिम खान ने तकनिकी पारदर्शिता और सटीकता की ज़रूरत पर ज़ोर दिया, और पूछा कि क्या ECI ने एक असरदार डी-डुप्लीकेशन सिस्टम समन्वित किया है और क्या वह पब्लिक की जांच के लिए मशीन-रीडेबल ड्राफ्ट (पढ़ने योग्य मसौदा) और पूर्ण निर्वाचक नामावली जारी करेगा। उन्होंने कहा कि ये कदम वोटर का भरोसा बनाए रखने और हेरफेर या गलती को रोकने के लिए ज़रूरी हैं।
मलिक मोअतसिम खान ने आगे कहा: “निर्वाचक नामावली में बदलाव नागरिकता सत्यापन अभियान जैसा नहीं होना चाहिए। वोट देने का अधिकार सुरक्षित रखा जाना चाहिए, न कि ब्यूरोक्रेटिक तरीकों से इसमें रुकावट डाली जानी चाहिए।” उन्होंने निर्वाचन आयोग से इन मुद्दों पर सार्वजनिक सफाई देने और यह पक्का करने की अपील की कि किसी भी नागरिक को दस्तावेज़ों की दिक्कतों या प्रशासनिक अस्पष्टता के कारण वोट देने के अधिकार से वंचित न किया जाए। “स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव के लिए सभी को शामिल करना और भरोसा ज़रूरी है। ECI को पारदर्शी तरीके से काम करना चाहिए, संवैधानिक सिद्धांतों को बनाए रखना चाहिए, और हर भारतीय के वोट देने के अधिकार की रक्षा करनी चाहिए,”।

