दिल्ली विश्वविद्यालय के पीजीडीएवी कॉलेज में साहित्यिक संस्था ‘ हिंदी की गूंज ‘ का ११वा वार्षिकोत्सव मनाया गया
सुषमा रानी
दिल्ली ,देश की अग्रणी साहित्यिक संस्था हिंदी की गूंज का 11वां वार्षिकोत्सव पी जी डी ए वी कॉलेज, दिल्ली विश्वविद्यालय के संगोष्ठी कक्ष में हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। कार्यक्रम में अनेक हिन्दी विद्वानों, विदुषियों,पत्रकारों , डॉक्टरों ,समाजसेवियों और विद्यार्थियों ने सहभागिता निभाई। खेमेन्द्र सिंह चन्द्रावत ने भावपूर्ण सरस्वती वन्दना प्रस्तुत की। स्वागत अध्यक्ष डॉ.सुनील सग्गड़ ने उपस्थित जनसमूह और मंचासीन विद्वानों का तहेदिल आभार अभिनंदन किया और हिन्दी की गूंज संस्था के माध्यम से हिन्दी को घर-घर ले जाने का आह्वान किया। संस्था संयोजक नरेन्द्र सिंह नीहार ने हिन्दी की गूंज के सुखद पड़ावों का जिक्र करते हुए वर्ष भर की उपलब्धियों का लेखा-जोखा प्रस्तुत किया। विशिष्ट अतिथि जनार्दन मिश्र ने हिन्दी की गूंज के कार्यों की प्रशंसा करते हुए हिन्दी भवन की तर्ज पर हिन्दी की गूंज के भवन की आवश्यकता बताई। मुख्य अतिथि के रूप में दिल्ली पब्लिक लाइब्रेरी बोर्ड के अध्यक्ष सुभाष चंद्र कानखेड़िया ने मातृशक्ति को बच्चों में अपनी मातृभाषा और हिन्दी के संस्कार रोपने का आह्वान किया। इस अवसर पर वरिष्ठ कथाकार विमला रस्तोगी की तीन किताबों का लोकार्पण भी हुआ। हिन्दी के वरिष्ठ गीतकार विनोद चौहान प्रसून ने अपना चर्चित गीत सुनाकर वातावरण को हिन्दीमय बना दिया। समाजसेवी ओमप्रकाश गुप्ता को अस्पताल प्रशासन में हिन्दी को बढ़ावा देने के लिए हिन्दी ऋषि सम्मान -2023 दिया गया। सम्मानित होने वालों में रेणु हुसैन, डॉ.सुधीर प्रताप सिंह, कृष्ण गोपाल सोलंकी, डॉ.दर्शनी प्रिय सिंह, विरेन्द्र सिंह रावत, विनीत रावत, डॉ.सुषमा चौहान, अनिल कुमार मिश्र, प्रवीण नायक, शशि प्रकाश आदि प्रमुख रहे। वक्ताओं में डा मनोज कुमार कैन ने महाविद्यालय की ओर से सभी का स्वागत करते हुए आने वाले समय को हिन्दी के विकास का समय बताया।कार्यक्रम की सफलता हेतु कालेज प्राचार्य प्रोफेसर कृष्णा शर्मा और वरिष्ठ साहित्यकार पद्मश्री डॉ श्याम सिंह शशि के शुभकामना संदेश पढ़े गये। संस्था संरक्षक गिरीश चंद्र जोशी के धन्यवाद ज्ञापन के साथ यह सारस्वत यज्ञ सम्पन्न हुआ।