आगरा ग्यारहवीं शरीफ को सबसे पहले चादरपोशी की गई। इस चादर पेशी के सभी धर्मों के लोग मौजूद रहें
स्टार न्यूज़ टेलीविजन आगरा
आगरा में ग्यारहवीं शरीफ को बड़े ही हर्ष उल्लास के साथ में मनाया गया। दो दिवसीय ग्यारहवीं शरीफ को लेकर आगरा के सेवका बाजार में स्थित अस्थाना आलिया कादरिया को जियारत के लिए खोल दिया गया। अस्थाना खुलते ही सैकड़ों जायरीन पहुंचें, और उन्होंने दुआ मांगी।
ग्यारहवीं शरीफ को सबसे पहले चादरपोशी की गई। इस चादर पेशी के सभी धर्मों के लोग मौजूद रहें, और उन्होंने मिलकर अस्थाना आलिया ए कादरिया में चादरपोशी की। इसके बाद दो दिवसीय ग्यारहवीं शरीफ के आयोजन की शुरुआत की गई। सैयद सिनवन अहमद शाह के के द्वारा देश में अमन चैन रहे कि दुआ कराई गई।
सैयद सिनवन अहमद शाह ने बताया कि हजरत गौस पाक के परपोते हजरत अब्दुल्ला शाह बगदादी रह० अपने पूर्वज के आदेश पर आगरा पधारे थे और उन्होंने अपने दादा के आदेश पर हजरत गौस पाक का अलम शरीफ बगदाद से लाकर उस समय के जाने माने सूफी संत हजरत मौलवी अमजद अली शाह रहमतुल्ला अलैहे को भेंट किया और आपको सिल सिलाहे कादरिया में मुरीद कर खिलाफत से नवाजा और आदेश दिया कि हर महीने की 11 तारीख को फातिहा करायी जाय व गरीबों में लंगर बॉटा जाय। यह परम्परा आज तक जारी है। सालाना फातेहा पर चॉद की 10 व 11 रबी उस्मानी को अलम शरीफ आम लोगों के दर्शनार्थ रखा जाय।
आगरा से पत्रकार अमीन अहमद की रिपोर्ट