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सिविल सोसायटी ऑफ आगरा चाहती है कि ‘आगरा का ऐजेंड’ लोकसभा प्रत्याशियों के पास पहुंचे,मतदाता के रूप में आम जनता भी इसे जाने और महत्व को समझे

स्टार न्यूज़ टेलीविजन आगरा ,

सिविल सोसायटी ऑफ आगरा का प्रयास था कि आगरा का एजेंडा नागरिकों के बीच चर्चा में आये और इसके लिये नगर निगम आगरा को कुछ चौराहों पर होर्डिंग लगवाए जाने की अनुमति के लिये आवेदन भी किया था

किन्तु आवेदन पर अनुमति जारी होती उससे पहले ही 18वीं लोकसभा निर्वाचन की अधिसूचना जारी हो गयी। अब इस एजेंडे को प्रेस/मीडिया, सोशल मीडिया के माध्यम से जनता के बीच ले जा रहे हैं। आगरा से संबंधित उन प्रवासियों के समक्ष भी ले जायेंगे जो कि प्रवासी मतदाता के रूप में मतदान करेंगे।

1.आगरा में पेयजल और खेती के लिये पानी की उपलब्धता लगातार घट रही है।जरूरत के अनुरूप पानी का नितांत अभाव है।पाडला फाल (जिला बुलंदशहर) से आगरा के लिये पाइप लाइन से गंगा जल आता है,लेकिन वह बहुत ही सीमित जरूरत को पूरा करता है।भविष्य की जरूरतों को दृष्टिगत कार्ययोजनाये बनायी जायें।

2. जल निगम की मूल योजना के अनुसार गंगा जल का उपयोग सीधे आपूर्ति के साथ ही जीवनी मंडी जलकल से में शोधित यमुना जल का प्रदूषण कम करने को भी होना था।लेकिन अब तो जीवनी मंडी जलकल में शोधन कार्य ही पूरी तरह से बंद हो चुका है।यही नहीं 1888 से आगरा की जनता को यमुना जल की आपूर्ति करने वाले इसके परिसर को खुर्दबुर्द होने से बचाये रखना ही अपने आप में एक चुनौती है।जिसे लेकर जनप्रतिनिधियों से प्रतिबद्धता अपेक्षित है।

3. आगरा में पानी की उपलब्धता और भूमिगत जलस्तर हिमालय के ग्लैशियरों से पोषित यमुना नदी और करौली की विंध्या पहाडी श्रृंखला की जलधाराओं से पोषित खारी, पार्वती और उटंगन नदी की जलधाराओं पर ही निर्भर है।

खारी नदी और उटंगन नदी में पानी आना बिल्कुल ही बंद हो चुका है। राजस्थान इरीगेशन विभाग ने इन नदियों का पानी पूरी तरह से रोक रखा है। आगरा के जनप्रतिनिधियों खास कर फतेहपुर सीकरी सीट के प्रत्याशियों से अपेक्षा है कि राजस्थान में रोके जा रहे आगरा के पानी की सुचारू करवाने के लिये उप्र जल शक्ति मंत्रालय और भारत सरकार पर दबाव बनायें।

4.सिविल एन्क्लेव आगरा देश के एक महत्वपूर्ण वायुसेना परिसर में स्थित है। राष्ट्रीय सुरक्षा हित में इसे तत्काल वायुसेना परिसर से बाहर लाया जाये।सिविल एन्क्लेव की मौजूदा स्थिति वायुसेना परिसर की सुरक्षा के अलावा सहज जन पहुंच (पब्लिक एक्सिस)के उपयुक्त नहीं है। जिसका आगरा की एयरकनैक्टिविटी और टूरिज्म बिजनेस पर प्रतिकूल असर पड रहा है।जो कि आगरा की अर्थव्यवस्था और नागरिक सुविधाओं की दृष्टि से नकारात्मक है।

5. वायुसेना परिसर से सिविल एन्क्लेव को शिफ्ट करने के लिये धनौली ,बल्हेरा और अभयपुरा गांवों में जमीन उ प्र शासन के द्वारा उपलब्ध करवायी जा चुकी है,ताज ट्रिपेजियम क्षेत्र का कार्य होने के कारण सुप्रीम कोर्ट से भी एक साल पूर्व ही अनुमति ली जा चुकी है,फिर भी नये एयरपोर्ट का निर्माण कार्य क्यों नहीं शुरू हो सका।अत:आगरा की जनता की अपेक्षा है कि सांसद इस मुद्दे अब तक चली आ रही पर्दादारी मुक्त कर दमदारी से धनौली में सुविधा संपन्न एयरपोर्ट बनवाने को स्वत:संकल्पित हों।

6. यमुना तटीय गांव मांगरोल गुर्जर(अछनेरा विकास खंड ) वेदव्यास की जन्म स्थली है,यहां उनका एक मंदिर भी है।यहां तक पहुंचने के लिये साइनेज लगवाये जायें और टूरिज्म डिपार्टमेंट से इसके विकास के लिये कार्य योजना बनवायी जाये।वेद व्यास ने सनातन संस्कृति का आधार ऋचाओं का वेदों के रूप में सग्रित किया था ।

7. मांगरोल गुर्जर से ही लगा हुआ नगला मच्छेदरी गांव है,यहां एक मंदिर हुआ करता था,जो अनुरक्षण के अभाव में ढहगया। दरअसल नगला मच्छेंदरी वेदव्यास की मां मत्स्यगंधा की जन्म भूमि है।‘महाभारत ‘में सत्यवती के रूप में जानी, जाने वाली जिन्हें यहीं के यमुना तट पर मत्स्य गंध से मुक्त का बरदान पराशर मुनि से मिला था।गांव को बल्देव से जोड़ने वाले पुल का नाम ‘सत्यवती सेतु’ कर दिया जाना गांव वालों की अपेक्षा है।सिविल सोसायटी भी उपरोक्त से प्रतिबद्धता रखती है।

आज की प्रैस वार्ता को शिरोमणि सिंह, राजीव सक्सेना, अनिल शर्मा, अमित खत्री, असलम सलीमी, के एन अघिनोत्री , अभिनय प्रसाद, आदि ने किया

आगरा से पत्रकार अमीन अहमद की रिपोर्ट

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