धर्मनगरी प्रयागराज मे शानदार नाट्य प्रस्तुति “आदाब अर्ज है” में दिखी प्यार की जीत
स्टार न्यूज टेलिविज़न
राकेश की रिपोर्ट
प्रयागराज उत्तर मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केन्द्र के कला भवन प्रेक्षागृह में संस्कृति मंत्रालय भारत सरकार, नई दिल्ली के सहयोग से एक संस्था की ओर से हास्य नाट्य प्रस्तुति आदाब अर्ज है का मंचन किया गया। नाटक में कलाकारों ने अपने मनमोहक प्रस्तुति से दर्शकों को खूब हंसाया। नाटक ने दर्शकों को हंसी से लोट पोट कर दिया और पूरे प्रेक्षागृह में समा बंध गया।
वहीं दर्शक भी कलाकारों का उत्साह बढ़ाते नजर आए। कलाकारों ने खूब वाहवाही लूटी। आदाब अर्ज है नाटक के किरदार आज की वर्तमान हालात में आपको कहीं न कहीं मिल ही जाएंगे। ये नाटक वास्तव में काफी हद तक सच्चाई से परे है। नाटक में हास्य बरकरार रखने के लिए हाव-भाव से बढ़कर नाटक को थोड़ा अलग रूप दिया गया है।
नाटक के मुख्य कलाकारों के रूप में सचिन चंद्रा जुम्मन की भूमिका में,अनामिका जुबैदा की भूमिका में, वैशाली सिंह शमीम आरा की भूमिका में,भानुप्रिया त्रिपाठी फातिमा की भूमिका में, मदन कुमार नवाब की भूमिका में, शुभांकर हिक्मत की भूमिका में, शिवम प्रताप फखरूत की भूमिका में, प्रत्युष आशिक की भूमिका में आदि कलाकार मौजूद रहे।
नाटक में दिखाया गया कि नाई जुम्मन की पत्नी जुबैदा यह अफवाह फैलाती है कि उसका पति एक अज़ीम तरीम डॉक्टर है और मुर्दों में भी जान डाल सकता है। यह बात जब हिक्मत और फखरूत को पता चलती है तो वह अपने मालिक की बेटी शमीम के गूंगेपन के इलाज के लिए उसे नवाब के पास ले आता है। जुम्मन को पता चलता है कि शमीम तो अपने आशिक अली की याद में गूंगी हो गई है तो उसे आशिक अली के संग भगा देता है।
नवाब को जब पता चलता है की जुम्मन ने उसकी बेटी को भगवाया है तो उसको फांसी पर लटकाने का हुक्म देता है। उधर आशिक अली को पुश्तैनी जायदाद मिल जाती हैं। पैसों का लालची नवाब फौरन शादी के लिए तैयार हो जाता है। मंच पर कलाकारों ने अपने अभिनय से दर्शकों को खूब हंसाया नाटक का संगीत संचालन शशांक और शरद का रहा वस्त्र विन्यास शगुफ्ता असकरी और अनुराधा श्रीवास्तव का मंच निर्माण आरिश जमील, जीशान, लाइट डिजाइन और संचालन सुबोध सिंह की रहा।
“आदाब अर्ज है” नाटक ने लोगों को सच्चे प्यार को पहचानने का संदेश दिया। मौलियर के लिखे इस नाटक का नाट्य रूपांतरण सलीम आरिफ ने किया है।संस्था की नाट्य प्रस्तुति युवा निर्देशक मोनू खान के निर्देशन में उत्तर मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केन्द्र में मंचित किया गया।