समझौता ज्ञापन पत्रकारिता की नींव को मजबूत कर छात्रों को भविष्य की चुनौतियों का सामना करने के लिए आवश्यक ज्ञान एवं कौशल से लैस करेगा : कुलपति, के.आर. मंगलम विश्वविद्यालय स्कूल ऑफ जर्नलिज्म एंड मास
नई दिल्ली।जर्नलिज्म एंड मास कम्युनिकेशन, के.आर. मंगलम विश्वविद्यालय, और भागीदारी जन सहयोग समिति ने
किए समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर। कम्युनिकेशन, के.आर. मंगलम विश्वविद्यालय, गुरुग्राम और भागीदारी जन सहयोग समिति ने किए समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए। इस अवसर पर स्कूल ऑफ जर्नलिज्म एंड मास कम्युनिकेशन, के.आर. मंगलम विश्वविद्यालय, गुरुग्राम और भागीदारी जन सहयोग समिति ने सम्मानित गणमान्य व्यक्तियों की उपस्थिति में एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए।
एमओयू हस्ताक्षर समारोह में प्रोफेसर अंकुश मित्तल, कुलपति, के.आर. मंगलम विश्वविद्यालय ,विजय गौड़, महासचिव, भागीदारी जन सहयोग समिति; डॉ. नीरजा चतुर्वेदी; जी.पी. कैप्टन प्रवीण महाजन, रजिस्ट्रार; डीन एसजेएमसी प्रोफेसर डॉ. नीरज खत्री और स्कूल ऑफ जर्नलिज्म एंड मास कम्युनिकेशन, केआरएमयू के सभी संकाय सदस्य की गरिमामयी उपस्तिथि रही स्कूल ऑफ जर्नलिज्म एंड मास कम्युनिकेशन, के.आर. मंगलम विश्वविद्यालय और भागीदारी जन सहयोग समिति शैक्षणिक आदान-प्रदान (छात्रों के इंटर्नशिप/कार्यशाला/सेमिनार/ऑन-द-जॉब प्रशिक्षण सहित) और शिक्षा, अनुसंधान और प्रशिक्षण में सहयोग, योग्यता निर्माण, पत्रकारिता कौशल विकसित करने और विभिन्न कार्यक्रमों के माध्यम से छात्रों की मानसिकता को ढालने के उद्देश्य से सहयोग किया गया। गतिविधियाँ। यह साझेदारी पत्रकारिता की नींव को मजबूत करेगी, छात्रों को भविष्य की चुनौतियों का सामना करने के लिए आवश्यक ज्ञान, कौशल और मूल्यों से लैस करेगी। उल्लेखनीय है कि भागीदारी जन सहयोग समिति, राजधानी दिल्ली / एनसीआर की एक अग्रणी पंजीकृत गैर सरकारी स्वेच्छा सेवी सामाजिक संस्था है। समिति के मुख्य संरक्षक प्रोफेसर के.के.अग्रवाल हैं जो गुरु गोबिंद सिंह इंद्रप्रस्थ विश्वविद्यालय दिल्ली के पूर्व कुलपति हैं तथा समिति के सीइओ एवं महासचिव विजय गौड़ राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त सामाजिक कार्यकर्ता है एवं दैनिक हिंदी समाचार पत्र मदरलैंड वॉइस के ब्यूरो चीफ एवं अन्य विभिन न्यूज़ एजेंसी से जुड़े है पिछले 10 वर्षों से अधिक समय से भागीदारी जन सहयोग समिति दिल्ली राज्य विधिक सेवाएं प्राधिकरण( दिल्ली उच्च न्यायालय की बॉडी) के साथ काम कर रही है समिति के द्वारा आयोजित विभिन्न कानूनी जागरूकता कार्यक्रमों में भारत के सर्वोच्च न्यायालय के 4 से अधिक न्यायाधीश और दिल्ली उच्च न्यायालय के 12 से अधिक न्यायाधीश ने अपनी गरिमामयी उपस्थिति देकर हमारे रचनात्मक प्रयासों को प्रोत्साहित किया है ।