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13 सिंतबर से शुरू हो रहे 28वें विश्व आध्यात्मिक सम्मेलन में शांति और मानव एकता फैलाने पर रहेगा जोर

नई दिल्ली : 28वें विश्व आध्यात्मिक सम्मेलन में भारत और विश्वभर के धार्मिक नेताओं और प्रतिनिधियों को एक ही सांझे मंच पर बैठने का मौका मिलेगा ताकि शांति, करूणा और मानव एकता को बढ़ावा देने के तरीकों की खोज की जा सके। सावन कृपाल रूहानी मिशन के प्रमुख परम पूजनीय संत राजिन्दर सिंह जी महाराज की अध्यक्षता में होने वाला यह वार्षिक सम्मेलन 13 से 18 सितंबर, 2024 को कृपाल बाग़ में तथा 19 और 20 सितंबर, 2024 को संत दर्शन सिंह जी धाम बुराड़ी, दिल्ली में आयोजित किया जाएगा।

28वें विश्व आध्यात्मिक सम्मेलन में आध्यात्मिक सेमिनार और दैनिक ध्यान-अभ्यास की कार्यशालाओं के अलावा कई प्रकार के मानव-कल्याण हेतु कार्यों जैसे कि निःशुल्क नेत्र जांच और मोतियाबिंद सर्जरी शिविर अथवा रक्तदान शिविर का भी आयोजन किया जाएगा। हर साल होने वाले इस विश्व आध्यात्मिक सम्मेलन में भारत और विदेशों से हजारों लोग भाग लेते हैं, जिसमें उन्हें यहां आध्यात्मिक जागृति प्राप्त करने और ध्यान-अभ्यास की सही विधि सीखने का मौका मिलता है।
13 सितंबर, 2024 को सम्मेलन के उद्घाटन अवसर पर रूहानी मुशायरा आयोजित किया जाएगा और 14 सितंबर को ‘दर्शन- प्रेम और करुणा के मसीहा’ विषय पर एक सेमिनार का आयोजन होगा।
इस सम्मेलन में विश्व-विख्यात आध्यात्मिक गुरु परम पूजनीय संत राजिन्दर सिंह जी महाराज मुख्य रूप से सम्मेलन को संबोधित करेंगे, जिसमें कि वे सुप्रसिद्ध सूफी-संत शायर संत दर्शन सिंह जी महाराज के आदर्शिक जीवन पर चर्चा करेंगे, जिन्होंने अपनी आध्यात्मिक शिक्षाओं से हम सभी के जीवन का रूख पिता-परमेश्वर की ओर किया।
8 दिन तक चलने वाले इस सम्मेलन में 15 सितंबर, 2024 को 39वां निःशुल्क नेत्र जांच और मोतियाबिंद सर्जरी शिविर का आयोजन कृपाल बाग में किया जा रहा है। समाज-कल्याण के उद्देश्य से अमेरिका से आए नेत्र चिकित्सक, भारत के जाने-माने आई केयर अस्पताल नोएडा के डॉक्टर्स के साथ मिलकर मरीजों की आंखों की जांच कर ऑपरेशन करेंगे, जो नवीनतम उपकरण और सुविधाओं से लैस है, ताकि कई लोगों को दृष्टि का उपहार देने में मदद मिल सके। इसके अलावा 63वां रक्तदान शिविर भी 14 सितंबर को कृपाल बाग़ में आयोजित किया जाएगा।
20 सितंबर को सम्मेलन के समापन सत्र में संत राजिन्दर सिंह जी महाराज हजारों की संख्या में एकत्रित भाई-बहनों को अपना आध्यात्मिक प्रवचन देंगे। यह दिन पूरे विश्वभर में ‘अंतर्राष्ट्रीय ध्यान-अभ्यास दिवस’ के रूप में मनाया जाता है।
इस सम्मेलन में विश्व के प्रमुख धर्माचार्य मानव एकता और भाई-चारे पर उपस्थित जनसमूह को संबोधित करेंगे। इसके अलावा विश्व के अनेक देशों जिनमें अमेरिका, कनाडा, जर्मनी व इंग्लैंड के विभिन्न प्रतिनिधि आंतरिक शांति और मानव एकता को प्राप्त करने के लिए अपने विचार रखेंगे।
28वें विश्व आध्यात्मिक सम्मेलन का आयोजन आध्यात्मिकता और ध्यान-अभ्यास के माध्यम से संपूर्ण मानव-जाति में प्रेम, शांति और मानव एकता को फैलाने के लिए किया जा रहा है। जिसमें भारत के हजारों लोगों के अलावा विश्व के विभिन्न देशों से सैकड़ों की संख्या में प्रतिनिधि भाग ले रहे हैं।

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