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सीओ की घिनौनी साजिश एस पी को आना पडा सामने संकीर्ण सोच से समाजसेवी आक्रोशित पत्रकार भी आन्दोलित

स्टार न्यूज टेलिविज़न

राकेश पाण्डेय

लखनऊ:बलिया के सिकंदरपुर थाने में पत्रकारों की एंट्री पर पुलिस ने लगाई रोक, एसआई बोले साहब का है आदेश। साजिश सीवो की बतायी गयी है जबकि पुलिस कप्तान ने फरमान को बकवास बताया है।

खबर बलिया से है जहाँ हत्या, अपहरण, अवैध शराब, गांजा जैसे गोरख धंधियों पर रोक लगाने में अक्षम साबित हो चुकी स्थानीय पुलिस अब लोगों की आवाज दबाने पर आमादा हो चुकी है।

क्षेत्राधिकारी के इशारे पर सिकंदरपुर पुलिस, अब पत्रकारों को भी थाना परिसर में घुसने से रोक रही है । जिसका नजारा शुक्रवार को पर कवरेज करने गए पत्रकारों को देखने को मिला। सिकंदरपुर थाने पर एसआई के पद पर तैनात धर्मवीर यादव ने सिकंदरपुर थाने में पत्रकारों की एंट्री पर रोक लगा दी है। बताया कि मैं साहब के आदेश का पालन कर रहा हु। वही साहब के इस आदेश से पत्रकारों में आक्रोश है।

वहीं, इस पूरे मामले की जानकारी होते ही पुलिस अधीक्षक विक्रांत वीर ने अपनी प्रतिक्रिया जाहिर की है। उन्होंने कहा है कि थानों में पत्रकारों की एंट्री पर रोक नहीं लगानी चाहिए। प्रेस को आजादी है। उन्होंने इसकी जाच कराने की बात कही है। शुक्रवार को सिकंदरपुर थाने पर कुछ पत्रकार पहुंचे लेकिन जैसे ही थाने के अंदर प्रवेश करने की कोशिश किए मौके पर मौजूद नायब दरोगा धर्मवीर यादव, मालदह चौकी इंचार्ज शिव मूर्ति तिवारी ने दौड़ कर पत्रकारों को थाने के अंदर जाने से रोक दिए। और चिल्ला चिल्ला कर गेट पर मौजूद पहरे को डांटने लगे और कहने लगे कि तुमको पता नहीं है कि साहब का आदेश है कि अन्दर किसी को नहीं जाने देना है। जबकि पत्रकारों ने कहा कि हमको सूचना लेनी है कुछ लोग आज भाटी के प्रकरण में न्यायालय भेजे जा रहे हैं वहीं सूचना लेनी है लेकिन दोनों एसआई चिल्लाने लगे कोई भी व्यक्ति हो अन्दर नहीं जा सकता है। फिर पत्रकारों ने बिना थाने के अंदर गए बिना समाचार कभरेज के ही वापस आ गए। जिसके बाद सभी पत्रकारों में आक्रोश व्याप्त है।

वही मामले की जानकारी होने पर भाजपा के प्रदेश कार्य समिति के सदस्य व सिकंदरपुर के पूर्व विधायक भगवान पाठक ने कहा कि पत्रकारों को समाचार कभरेज करने से रोकने की जानकारी मुझे मिली है, जो घोर निंदनीय है। और यह पुलिस प्रशासन द्वारा सरकार को बदनाम करने की कोशिश की जा रही है। मैं इसकी जानकारी उच्चाधिकारियों के साथ साथ उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी को दूंगा।

सिकंदरपुर तहसील क्षेत्र के खरीद गांव निवासी वर्तमान में उच्च न्यायालय इलाहाबाद के वकील ओम प्रकाश यादव ने बताया कि पुलिस द्वारा पत्रकारो को थाने व समाचार कभरेज से रोकना सीधे सीधे भारतीय संविधान के अनुच्छेद 19(1)(ए) का उलंघन है। भारत का संविधान देश के सभी नागरिकों को भाषण और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का अधिकार प्रदान करता है। जबकि पत्रकारों को देश का चौथा स्तंभ कहा गया है। अगर पुलिस द्वारा पत्रकारो को कभरेज से रोका जा रहा है तो वह कानून का उलघन है। मैं इसका विरोध करता हु व इसकी चांच कर ऐसे दोषी पुलिस कर्मियों को दंडित करने की मांग करता हु। वही बताया कि बिना किसी प्रकार के प्राथमिकी दर्ज किए पुलिस किसी भी व्यक्ति को 24 घंटे से अधिक थाने मे नही रोक सकती।

सलेमपुर लोकसभा के सांसद रमाशंकर राजभर ‘ विद्यार्थी’ ने कहा कि पत्रकारों को थाने पर जाने व कवरेज से रोकने की घटना निंदनीय है। मैं इसका घोर निंदा करता हूं। पत्रकार देश के चौथे स्तंभ हैं। इनको सच्चाई दिखाने का अधिकार है। प्रेस की आजादी में सूचना एकत्रित करने से नहीं रोका नहीं जा सकता। मैं इसकी आवाज लोक सभा के सदन में उठाऊंगा।

बलिया किशोर न्यायालय बोर्ड के पूर्व सदस्य व समाजसेवी राजेन्द्र कुमार सिंह उर्फ मनधाता सिंह ने कहा कि पुलिस द्वारा पत्रकारों को थाने के अंदर प्रवेश न करने देने व समाचार कभरेज से रोका जाना घोर निंदनीय कदम है। पत्रकार देश की चौथे स्तंभ है। समाज में स्वच्छ व पारदर्शी सुशासन को दर्शित करना पत्रकारिता का मूल उद्देश्य है। इस आशय की जानकारी जिलाधिकारी, पुलिस अधीक्षक, प्रदेश के मुख्य सचिव व पुलिस महानिदेशक से मिलकर दी जाएगी तत्पश्चात कार्यवाही न होने पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी मिल कर इसकी शिकायत की जाएगी।

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