जुनैद और नासिर हत्याकांड के आरोपी मोनू मानेसर को राजस्थान पुलिस ने दी क्लीनचिट। गिरफ्तार कर पूछताछ करने से पहले ही कह दिया उसका हाथ नहीं है।आपको बताते चलें की जबसे यह घटना हुई थी उसके बाद से ही पुलिस मोनू मानेसर को फरार बता रही थी शुरुआत में मामला काफी गरमाया लेकिन जैसे जैसे वक्त बीतता गया मामला कमजोर होने लगा हालांकि कुछ सोशल एक्टिविस्ट लगातार ट्विटर के माध्यम से मोनू मानेसर की गिरफ्तारी की मांग कर रहे थे।कहीं न कहीं पुलिस और सरकार का दोहरा चेहरा इस मामले देखने को मिला।फिर इसके बाद नूह में हिंसा हुई जिसका आरोप भी मोनू मानेसर और बिट्टू बजरंगी पर लगा मामले की तह तक पहुंचने के लिए पुलिस ने तमाम सीसीटीवी फुटेज और फेसबुक से लाइव दंगा भड़काने वालों को खंगाला जिसमे मुख्य आरोपी के रूप में बिट्टू बजरंगी को आज भागते हुए गिरफ्तारी हो गई।
अब सवाल यह को आखिर मोनू मानेसर को पुलिस ने क्लीन चिट कैसे देदी?
पुलिस पर भी सवाल उठ रहे हैं क्योंकि इतना सब कुछ हो जाने के बाद जब पुलिस ने मुख्य आरोपी को गिरफ्तार ही नही किया तो क्लीन चिट कैसे देदी कानून के अनुसार अगर किसी व्यक्ति का किसी भी मामले में नाम आता है तो पहले पुलिस उसे गिरफ्तार करती है पूछताछ करने के बाद यदि उसके खिलाफ सबूत मिलते हैं तो फिर इसपर कार्यवाही होती है।लेकिन यहां तो बिलकुल उल्टा ही देखने को मिला मुख्य आरोपी में नाम आने के बाद भी कोई गिरफ्तारी नहीं और बाद में क्लीनचिट दे देना कहीं न कहीं पुलिस प्रशासन और सरकार दोनो पर सवाल खड़े करते हैं।