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भारत में स्थायी बागवानी के लिए आधुनिक समाधानों को किया प्रोत्साहित

मुख्य संवाददाता

नई दिल्ली, 30 अक्टूबर: एनएल होर्टीरोड2इंडिया ने सस्टेनेबल, टेक-इनेबल्ड एवं संयुक्त इंडो-डच समाधानों के ज़रिए भारतीय कृषि में बदलाव लाने के उद्देश्य से व्यापक योजनाओं को पेश किया। नई दिल्ली में आयोजित एक ऐतिहासिक प्रेस सम्मेलन-नीदरलैण्ड्स सरकार तथा डच ग्रीनहाउस होर्टीकल्चर टेक्नोलॉजी में ग्लोबल लीडर्स के बीच तीन वर्षीय सार्वजनिक-निजी साझेदारी में एक महत्वपूर्ण पल रहा।
एनएल होर्टीरोड2इंडिया ने बैंगलुरू और चण्डीगढ़ में भी क्षेत्रीय हितधारकों और मीडिया के साथ बातचीत की। बैंगलुरू में बातचीत का मुख्य आकर्षण था फार्म-टू-टेबल डिनर जहां हितधारकों को व्यंजनों के विशिष्ट अनुभव के ज़रिए सस्टेनेबल होर्टीकल्चर (स्थायी बागवानी) के बारे में जानने का मौका मिला।
इसके अलावा, भारत का अन्न भंडार होने के नाते पंजाब में बड़े उपचाउ मैदान हैं, राज्य में खेती की मजबूत विरासत है तथा इनोवेशन की ओर विशेष झुकाव भी है। क्षेत्र की इस क्षमता को ध्यान में रखते हुए एनएल होर्टीरोड2 इंडिया ने
जैसे कटाई के बाद होने वाला नुकसान, भोजन सुरक्षा, श्रम की स्थिति, ग्रेडिंग की अप्रभाविता तथा सुलभ फाइनैंस की कमी।
इन सभी रूझानों ने ऐसे समाधान विकसित किए हैं, जिनसे एक ब्लूप्रिन्ट तैयार हुआ, जो समग्र दृष्टिकोण को अपनाता है। इसमें आधुनिक ग्रीनहाउस टेक्नोलॉजी, मार्केट के साथ जुड़ाव, प्रशिक्षण, शिक्षा एवं दीर्घकालिक फाइनैंसिंग शामिल है। इस साझेदारी के तहत अग्रणी कृषि उद्यमियों को पहचान कर अपने साथ जोड़ा गया है। ये उद्यमी प्रगतिशील किसान हैं, जिनके पास हाई-टेक ग्रीनहाउस प्रोजेक्ट्स को पायलट के तौर पर लागू करने के लिए सकारात्मक सोच, नेटवर्क एवं विश्वसनीयता है। ये पायलट 2026 के अंत तक लागू हो जाएंगे तथा बड़े पैमाने के क्षेत्र-विशिष्ट मॉडल्स के लिए अवधारणाओं का प्रमाण बन जाएंगे, जिन्हें जलवायु, फसल के प्रकार और मार्केट की उपलब्धता के आधार पर देश भर में अपनाया जा सकेगा।
‘एनएच होर्टीरोड2इंडिया – विभिन्न मार्केट वैल्यू वाली फसलों के लिए मध्यम एवं निम्न- टेक समाधान शामिल करने के लिए अपने दायरे का विस्तार कर रहा है। यह साझेदारी भारतीय एवं डच इनोवेटर्स के बीच स्टार्ट-अप कोलाबोरेशन को भी बढ़ावा दे रही है ताकि वे एक साथ मिलकर तकनीकों का विकास कर सकें, स्थानीय उत्पादन युनिट्स स्थापित कर सकें, रोज़गार के अवसर उत्पन्न कर सकें, लागत कम कर सकें तथा भारत एवं अफ्रीका में क्षेत्रीय एग्री-टेक फ्रेमवर्क को बढ़ावा दे सकें।’ देश रामनाथ, डच ग्रीनहाउस डेटा में इंडिया डायरेक्टर और एनएल होर्टीरोड2इंडिया के कोऑर्डिनेटर ने कहा।
इसके अलावा एनएल होर्टीरोड2इंडिया का उद्देश्य न सिर्फ पर्यावरणी एवं स्वास्थ्य संबंधी चुनौतियों को हल करना है बल्कि किसानों की आय बढ़ाना, भोजन की बर्बादी को कम करना तथा आपूर्ति श्रृंखला में पारदर्शिता को बढ़ावा देना भी है किसानों, रीटेलरों, शेफ एवं उपभोक्ताओं के लिए समाधान विकसित कर यह पहल भारत को अधिक सुरक्षित, अधिक स्थायी खाद्य विकल्पों की ओर अग्रसर करेगी।

‘एनएल होर्टीरोड2इंडिया में हम डच इनोवेशन एवं भारतीय महत्वाकांक्षाओं के संचालन द्वारा समावेशी विकास, खाद्य सुरक्षा और जलवायु-स्मार्ट कृषि को बढ़ावा देना चाहते हैं। स्थानीय ज़रूरतों को ध्यान में रखते हुए तकनीकों के विकास द्वारा हम स्वस्थ उत्पादन एवं प्रत्यास्थ खाद्य प्रणाली की संभावनाएं विकसित कर रहे हैं, जिससे देश को लाभ होगा, साथ ही विश्वस्तरीय साझेदारियों को भी बढ़ावा मिलेगा।‘ मिस टिफेनी, मेजर, प्रोजेक्ट मैनेजर, इंटरनेशनल ट्रेड- इनोवेशन क्वार्टर और रोटरडैम पार्टनर्स एंड को-कोऑर्डिनेटर, होर्टीरोड2इंडिया ने कहा।
सम्मेलन का समापन एक सशक्त संदेश के साथ हुआ कि इनोवेशन, समावेशन एवं विश्वस्तरीय साझेदारियों के नेतृत्व में भोजन का भविष्य, स्पष्ट, हरित एवं सहयोगपूर्ण है।

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