
दिल्ली हाईकोर्ट ने विवादास्पद फिल्म ‘उदयपुर फाइल्स’ की विशेष स्क्रीनिंग का निर्देश दिया
वीना टंडन
नई दिल्ली।दिल्ली उच्च न्यायालय ने बुधवार को विवादास्पद फिल्म ‘उदयपुर फाइल्स’ की विशेष स्क्रीनिंग का निर्देश दिया, जिसके बाद 11 जुलाई को इसकी रिलीज़ पर रोक लगाने की मांग वाली याचिकाओं पर फैसला सुनाया जाएगा। हाई कोर्ट ने संबंधित पक्ष के लिए स्पेशल स्क्रीनिंग रखने का निर्देश दिया है।
कन्हैयालाल की हत्या के पीछे कथित तौर पर एक विवादित सोशल मीडिया पोस्ट का समर्थन करना कारण बताया गया था, जिसके बाद दो हमलावरों ने उनकी बेरहमी से हत्या कर दी थी। इस घटना ने देशभर में तनाव पैदा कर दिया था, जिसके बाद कर्फ्यू और इंटरनेट सेवाएं बंद करनी पड़ी थीं। जमीयत उलेमा-ए-हिंद की ओर से वकील फुजैल अहमद अय्यूबी ने याचिका दायर कर आरोप लगाया है कि फिल्म के ट्रेलर में पैगंबर मोहम्मद और उनकी पत्नियों के खिलाफ अशोभनीय टिप्पणियां की गई हैं।
फिल्म ‘उदयपुर फाइल्स’ पर नफरत फैलाने का आरोप
जमीयत उलमा-ए-हिंद ने उदयपुर फाइल्स फिल्म के खिलाफ अदालत का दरवाजा खटखटाते हुए फिल्म पर रोक लगाने की मांग की थी। मौलाना अरशद मदनी ने फिल्म को नफरत फैलाने वाली और एक विशेष समुदाय को बदनाम करने की साजिश करार दिया। जमीयत उलेमा-ए-हिंद की याचिका में दावा किया गया कि फिल्म एक खास धार्मिक समुदाय को बदनाम करती है और समाज में नफरत फैलाने का खतरा पैदा कर सकती है।
याचिका में दावा किया गया है कि फिल्म में भाजपा नेता नूपुर शर्मा के विवादित बयान और ज्ञानवापी मस्जिद विवाद जैसे संवेदनशील मुद्दों को भी शामिल किया गया है, जो वर्तमान में कोर्ट में लंबित हैं। याचिका में कहा गया है कि फिल्म का उद्देश्य एक खास समुदाय को नकारात्मक और पक्षपाती तरीके से पेश करना है, जो उनके सम्मान और सामाजिक सौहार्द को नुकसान पहुंचा सकता है। फिल्म में देवबंद को कट्टरवाद का अड्डा बताने और वहां के उलेमा के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणियां करने का भी आरोप लगाया गया है।
जमीयत उलेमा ए हिंद के प्रमुख मौलाना अरशद मदनी का कहना है कि यह फिल्म अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के अधिकार का दुरुपयोग है और इस्लाम, मुसलमानों या देवबंद से इसका कोई लेना-देना नहीं है। फिल्म को सेंसर बोर्ड से प्रमाण पत्र मिलने के बाद 11 जुलाई को रिलीज करने की योजना है। याचिका में केंद्र सरकार, सेंसर बोर्ड, जॉनी फायर फॉक्स मीडिया प्राइवेट लिमिटेड और एक्स कॉर्प्स को पक्षकार बनाया गया है, जो फिल्म के निर्माण और वितरण से जुड़े हैं।