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दिल्ली सरकार के स्कूल में शानदार ऑडिटोरियम का उद्घाटन कर बोले सीएम केजरीवाल, ‘‘हर बच्चे को एक समान अच्छी शिक्षा मिले, यही हमारा प्रयास’’

सुषमा रानी

नई दिल्ली, 11दिसंबर सीएम अरविंद केजरीवाल ने सोमवार को राज निवास मार्ग स्थित डॉ. बी.आर. अंबेडकर स्कूल ऑफ स्पेशलाइज्ड एक्सीलेंस में अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस नवनिर्मित ऑडिटोरियम का उद्घाटन किया। इसमें 335 लोगों के बैठने की क्षमता के साथ स्पीकर सिस्टम, सब-वूफर, स्टेज मॉनिटरिंग सिस्टम, वायरलेस प्रेजेंटेशन समेत सभी सुविधाएं मौजूद हैं। आगामी सत्र से इस स्कूल में परफॉर्मिंग एंड विजुअल आर्ट्स प्रोग्राम की जब शुरूआत होगी, तब बच्चों को हाईटेक मंच पर परफॉर्म करने का मौका मिलेगा। सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि हमारी सरकार प्रयास है कि हर तबके के बच्चे को एक समान और अच्छी शिक्षा मिले। लेकिन यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि हमारे देश में दो तरह की शिक्षा प्रणाली है। जिनके पास पैसा है, वो प्राइवेट स्कूलो में पढ़ने जाते हैं और जिनके पास पैसे नहीं है, वो सरकारी स्कूलों में जाने के लिए मजबूर हैं। उन्होंने खुशी व्यक्त करते हुए कहा कि हमारी सरकार ने पिछले 8 सालों में शिक्षा के क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव लाकर इस धारणा को बदल दिया है। साथ ही, अब कोई सरकार ये नहीं कहीं कह सकती कि वो सरकारी स्कूल नहीं चला सकती है, क्योंकि हमने चलाकर दिखा दिया है। इस अवसर पर शिक्षा मंत्री आतिशी, स्थानीय विधायक परलाद सिंह समेत शिक्षा विभाग के अफसर मौजूद रहे।

सिविल लाइंस में राज निवास मार्ग स्थित डॉ. बी.आर. अंबेडकर स्कूल ऑफ स्पेशलाइज्ड एक्सीलेंस नव निर्मित शानदार ऑडिटोरियम के उद्घाटन समारोह में स्कूली बच्चों ने सांस्कृतिक कार्यक्रम की प्रस्तुति देकर सभी का मन मोह लिया। बच्चों की प्रस्तुति देखकर सीएम अरविंद केजरीवाल भी उनसे प्रभावित हुए बगैर नहीं रह पाए। बच्चों के अंदर मजबूत आत्मविश्वास को देखकर सीएम अरविंद केजरीवाल ने मंच से उनकी सराहना करते हुए बधाई भी दी और कहा कि मैं बड़े-बड़े प्राइवेट स्कूल में भी जाता है। आज हमारे बच्चों ने जो कल्चरल प्रोग्राम प्रस्तुत किया, वो किसी भी बेस्ट प्राइवेट स्कूल के बच्चों की परफार्मेंस से कम नहीं था। हमारी सरकार का शिक्षा सबसे महत्वूपर्ण प्राथमिकता वाला सेक्टर है। यह हमारी विचारधारा का हिस्सा है कि अच्छी शिक्षा के बगैर किसी भी देश का विकास नहीं हो सकता है। दुर्भाग्य वश पिछले 75 साल के अंदर हमारे देश में दो किस्म की शिक्षा प्रणाली शुरू की गई। जिन लोगों के पास पैसे हैं, उन लोगों के लिए प्राइवेट स्कूल हुए और जिन लोगों के पास पैसे हैं, वो लोग अपने बच्चों को सरकारी स्कूलों में भेजने के लिए मजबूर हुए।

सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि ऐसा नहीं है कि सरकारी स्कूल हमेशा खराब होते थे। आजादी के बाद का 20-25 साल का सफर उठाकर देखे तो उस वक्त के आईएएस, आईपीएस या नेता सब सरकारी स्कूलों सेw पढ़कर आया करते थे। आजादी के बाद देश में गिने-चुने प्राइवेट स्कूल होते थे। लेकिन इन 75 सालों के अंदर ऐसा क्या हुआ कि धीरे-धीरे सरकारी स्कूल खराब होते थे और प्राइवेट स्कूल बढ़ते गए। हालत ये हो गई कि जिनके पास पैसा है, वो हर आदमी पैसा बचाकर अपने बच्चों को सरकारी की जगह प्राइवेट स्कूलों में पढ़ाने लगा। इसके साथ ही सरकारी स्कूलों का तेजी से पतन होता गया। जब दिल्ली में हमारी सरकार बनी थी, उस समय पिछली सरकारों में 10-10 सरकारी स्कूलों को सीएसआर के तहत कंपनी को दे दिया जाता था। स्कूल की जमीनों का व्यवसायिकरण भी किया जाता था। उस समय अजीब-अजीब के आइडियाज होते थे। पूरे देश में ही शिक्षा के निजीकरण का माहौल चल रहा था। जिसके पास पैसा है, उसे शिक्षा मिलेगी और जिसके पास पैसा नहीं है, उसे शिक्षा नहीं मिलेगी।

सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि अगर किसी देश में इस तरह का माहौल हो कि केवल पैसे वालों को ही शिक्षा मिलेगी और गरीब को शिक्षा नहीं मिलेगी तो फिर देश कभी तरक्की नहीं कर सकता है। क्योंकि हमारे देश में बहुत सारे गरीब और मध्यम वर्गीय परिवार रहते हैं। ये लोग कहां से पैसा लाकर इतनी महंगी शिक्षा अपने बच्चों को दे पाएंगे। अगर गुणवत्ता युक्त शिक्षा चाहिए तो पैसे चाहिए और लोगों के पास पैसे नहीं हैं। हमने पिछले 8 साल के अंदर इस धारणा को बदला है। पिछले आठ साल के अंदर शिक्षा के क्षेत्र में बहुत बदलाव हुआ है। पहले सरकारी स्कूलों के अंदर बच्चे जाया करते थे तो उनके आत्मविश्वास की कमी होती थी, लेकिन अब आत्मविश्वास की कोई कमी नहीं है। अक्सर ये भी देखने को मिलता था कि किसी घर में एक लड़का और एक लड़की है तो लड़के को प्राइवेट स्कूल में और लड़की को सरकारी स्कूल में डाल दिया जाता था।

सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि राजनीति में आने से पहले जब मैं एनजीओ में काम करता था, तब अक्सर देखने को मिला कि सरकारी स्कूलों पढाई नहीं होती थी और बच्चों को मां-बाप साल-दो साल बाद स्कूल से निकाल कर काम-धंधे में लगा देते थे। इसलिए उस समय दिल्ली में बच्चों के स्कूल छोड़ने का दर अधिक होता था, लेकिन अब ये सब बंद हो गया है। उन्होंने कहा कि दिल्ली के सरकारी स्कूलों में लगभग 18 लाख बच्चे पढ़ते हैं। जब हम बच्चों और उनके पैरेंट्स के साथ संवाद स्थापित करते हैं तो पाते हैं कि अब सरकारी स्कूलों के बच्चों में प्राइवेट स्कूलों के बच्चों की तुलना में अधिक आत्म विश्वास दिखाई देता है। सरकारी स्कूलों के बच्चे अधिक आत्मविश्वास के साथ बात करते हैं, यह सबसे अधिक महत्वपूर्ण हैं।

सीएम ने कहा कि जब हमारी नई-नई सरकार बनी थी तब शिक्षा पर फिल्म बनाई जा रही थी। फिल्म बनाने के लिए सरकारी स्कूलों में जाते थे। उस दौरान एक बच्चे से पूछा गया कि बच्चे देश के भविष्य होते हैं तो उस बच्चे ने कहा कि प्राइवेट स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चे देश के भविष्य होते हैं, सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चे नहीं होते हैं। इसके पांच साल के बाद जब वही बच्चा दोबारा मिला तो उसने कहा कि हमारा पूरा स्कूल बदल गया है और अब हम भी इस देश के भविष्य हैं।

सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि स्कूल में नवनिर्मित ऑडिटोरियम के बहुत मायने हैं। यह केवल चाहरदीवारी भर नहीं है। इस तरह आधुनिक सुविधाओं से लैस ऑडिटोरियम दिल्ली के सबसे अच्छे प्राइवेट स्कूल के अंदर भी नहीं मिलेगा। हमारे सरकारी स्कूलों के अंदर जैसा इंफ्रास्ट्रक्चर विकसित किया गया है, वैसा प्राइवेट स्कूलों में भी नहीं है। आज सरकारी स्कूलों में बच्चों को जो सुविधाएं मिल रही हैं, वो सबसे बेस्ट प्राइवेट स्कूल में भी नहीं मिल रही है। पिछले 5-7 साल के अंदर शिक्षा में जो बदलाव हुआ है, वो बहुत ही सकारात्मक है। जिस तरह से सरकारी स्कूलों में टीचर्स की ट्रेनिंग दी जा रही है, प्रिंसिपल्स को यूएसए, यूरोप और सिंगारपुर समेत अन्य देशों में ट्रेनिंग के लिए भेजा जा रहा है, टीचर्स को आईआईएम ट्रेनिंग के लिए भेजा रहा है, मुझे नहीं लगता है कि कोई भी प्राइवेट स्कूल इतना पैसा खर्च कर अपने टीचर्स और प्रिंसिपल को इस तरह की ट्रेनिंग दे रहा है। इस कार्यक्रम में एक बच्चे स्पैनिश भाषा में अनाउंस कर रही थी। दिल्ली में पूरे देश के बेस्ट प्राइवेट स्कूल हैं, उन बेस्ट प्राइवेट स्कूलों में कितनों में विदेशी भाषा अपने बच्चों को सीखाते हैं। मुझे नहीं लगता है कि बहुत ज्यादा स्कूल होंग।

सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि हमारे दिल्ली के सरकारी स्कूल देश के गिने हुए बेस्ट स्कूल की कटेगरी में आते हैं। पंजाब में भी हमारी सरकार है। हम दिल्ली की तरह पंजाब में भी सरकारी स्कूलों को बेस्ट सुविधाएं देने का काम कर रहे हैं। कुछ दिन पहले ही मैंने पंजाब में स्कूल ऑफ एमिनेंस का उद्घाटन किया था। पंजाब में 20 हजार सरकारी स्कूल हैं और सभी स्कूलों में एक साथ कुछ न कुछ काम शुरू हो हो गया है। जैसे दिल्ली में पहले सरकारी स्कूलों का बहुत बुरा हाल होता था, वैसे ही पंजाब में सरकारी स्कूलों का बुरा हाल है। हमारी विचारधारा है कि अगर हमें देश को बदलना है तो बच्चों को अच्छी शिक्षा देनी होगी। बच्चों को सशक्त करने के लिए शिक्षा ही सबसे बड़ा हथियार है। जो देश अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा नहीं दे सकता है, वो तरक्की भी नहीं कर सकता है। देश में जो काम 75 साल पहले होना था, वो अब होने लगा है। मुझे लगता है कि शिक्षा सेक्टर को ठीक करने का सिलसिला तेजी से फैलेगा। दिल्ली को देखकर अब देश के बाकी सरकारों को भी लगने लगा है कि शिक्षा को बदलना चाहिए।
सीएम ने कहा कि अब कोई सरकार या पार्टी ये नहीं कह सकती है कि सरकारी स्कूल ठीक नहीं हो सकते। पहले सरकारे ये कहती थीं कि सरकारी स्कूल ठीक नहीं हो सकते। सरकारी स्कूल नहीं चला सकती है, लेकिन हमने करके दिखा दिया कि सरकार स्कूल चला सकती है। हमने ये भी करके दिखा दिया कि जो सरकार स्कूल नहीं चला सकती, वो फिर सरकार क्या चलाएगी? स्कूल चलाना, अच्छी स्वास्थ्य सेवाएं देना तो एक जिम्मेदार सरकार की आधारभूत जिम्मेदारी है। जनता लाखों-करोड़ों रुपए टैक्स इसीलिए देती है कि उसे अच्छी शिक्षा, स्वास्थ्य, बिजली, पानी मिलेगा। हर चीज को प्राइवेट सेक्टर को दे देंगे तो फिर सरकार को भी प्राइवेट सेक्टर को दे दो।

सीएम अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट कर कहा, ‘‘सिविल लाइन के सरकारी स्कूल में आज एक शानदार ऑडिटोरियम की शुरुआत की। दिल्ली के हर बच्चे को, चाहे ग़रीब का हो या अमीर का, सबको एक जैसी अच्छी शिक्षा मिले, यही हमारी कोशिश है।’’

इस अवसर पर शिक्षा मंत्री आतिशी ने कहा कि अभी तक जब भी हम किसी स्कूल भवन का उद्घाटन करने जाते हैं तो सोचते हैं कि हमारे स्कूलों ने प्राइवेट स्कूलों को पीछे छोड़ दिया है। लेकिन आज इस विश्व स्तरीय ऑडिटोरियम के उद्घाटन के बाद मुझे लगता है कि हमारे स्कूल के इस शानदार ऑडिटोरियम ने बड़े-बड़े मल्टीप्लेक्स को भी पीछे छोड़ दिया है। उन्होंने आगे कहा कि मैंने दिल्ली के एक प्राइवेट स्कूल में पढ़ाई की है, लेकिन ये ज़रूर कह सकती हूं कि शहर के किसी भी प्राइवेट स्कूल के पास इतना शानदार ऑडिटोरियम नहीं है। शिक्षा मंत्री ने कहा कि 8 साल पहले जब अरविंद केजरीवाल ने बतौर मुख्यमंत्री कार्यभार संभाला था, तब दिल्ली सरकार के स्कूलों की स्थिति देश के अन्य राज्यों के समान थी। जब कोई सरकारी स्कूल के बारे में सोचता तो एक निश्चित छवि बनती, जिसमें टूटी हुई डेस्क, चटाई पर बैठे छात्र, टूटी खिड़कियां और लाइटें, पीने के पानी की कोई सुविधा नहीं आदि होती थी। वहीं, 2015 से सीएम अरविंद केजरीवाल और दिल्ली में शिक्षा क्रांति के जनक मनीष सिसोदिया ने बच्चों के लिए एक सपना देखा और आज वो सपना शहर के हर कोने में हकीकत में बदल रहा है।

शिक्षा मंत्री आतिशी ने कहा कि विद्यार्थियों को वर्ल्ड क्लास इंफ्रास्ट्रक्चर वाले स्कूल उपलब्ध कराये जा रहे हैं। चाहे वह स्कूल का बुनियादी ढांचा हो, या कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी, हार्वर्ड यूनिवर्सिटी, फिनलैंड के स्कूल और एनआईई सिंगापुर जैसे दुनिया भर के सर्वश्रेष्ठ संस्थानों में शिक्षकों के ट्रेनिंग में निवेश हो। सीएम अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली सरकार ने हमारे बच्चों के लिए सर्वाेत्तम गुणवत्ता वाली शिक्षा सुनिश्चित करने में कोई कमी नहीं छोड़ी है। इन प्रयासों ने परिणामों में सुधार समेत कई उपलब्धियों में योगदान दिया है। पहले हमारे छात्रों में यह भावना थी कि वे प्राइवेट स्कूलों में अपने समकक्षों से थोड़े कम हैं, उनमें आत्मविश्वास कम है, लेकिन आज छात्रों के प्रदर्शन को देखने के बाद गर्व से कह सकती हूं कि आत्मविश्वास के मामले में भी हमारे बच्चों ने प्राइवेट स्कूलों को पीछे छोड़ दिया है और आने वाले 10-15 सालों में हमारे बच्चे भविष्य के लीडर्स के रूप में उभरेंगे।

यह सरकारी स्कूल 1954 में बनाया गया था। 2007 में इसे राजकीय प्रतिभा विकास विद्यालय (आरपीवीवी) में बदल दिया गया। साल 2022 में इसके इंफ्रास्ट्रक्चर और अन्य चीजों को आधुनिक कर इसे 21वीं सदी का हाई स्किल्ड स्पेशल एक्सीलेंस स्कूल तब्दील कर दिया गया। इस समय इस स्कूल में आरपीवीवी की 10वीं, 11वीं और 12वीं क्लास के बचे हुए बैचों के 237 छात्र पढ़ाई कर रहे हैं और अंबेडकर स्कूल ऑफ स्पेशलाइज्ड एक्सीलेंस की 9वीं और 10वीं क्लास में पहले बैच के 221 छात्र हैं। इस स्कूल में जर्मन और स्पैनिश भाषा पढ़ाई जाती है और 133 छात्र ये भाषा सीख रहे हैं। 2024-25 के अगले सत्र से इस स्कूल में परफॉर्मिंग एंड विजुअल आर्ट्स भी शुरू किया जा रहा है।

स्कूल में पहले से ही नई लैब, लाइब्रेरी, कंप्यूटर लैब और बच्चों के लिए स्कूल हेल्थ क्लिनिक हैं। इसके अलावा स्कूल में नया ऑडिटोरियम कॉम्प्लेक्स बनाया गया है। जिसे डीटीटीडीसी ने नवंबर 2021 से अक्टूबर 2023 के बीच पूरा किया है

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