उत्तर प्रदेशताज़ा तरीन खबरें

लंबित प्रकरणों में रोजगार देने की मांग : भूविस्थापितों ने एसईसीएल मुख्यालय, बिलासपुर किया घेराव, 23 अगस्त को करेंगे कुसमुंडा और गेवरा खदान बंद

स्टार न्यूज टेलिविज़न

राकेश पाण्डेय

बिलासपुर के कोरबा जिले में एसईसीएल के कुसमुंडा, गेवरा और दीपका क्षेत्र के खनन प्रभावित गांवों के भू-विस्थापितों ने आज छत्तीसगढ़ किसान सभा और भू-विस्थापित रोजगार एकता संघ के नेतृत्व में बिलासपुर स्थित एसईसीएल मुख्यालय का जबरदस्त घेराव किया तथा लंबित प्रकरणों पर वन टाइम सेटलमेंट के आधार पर सभी खातेदारों को रोजगार देने की मांग की। आंदोलनकारियों ने एसईसीएल के डीटी के आश्वासन को ठुकराते हुए 23 अगस्त को कुसमुंडा और गेवरा खदान बंद करने की भी घोषणा की है।

उल्लेखनीय है कि कोरबा जिले के एसईसीएल क्षेत्र में अधिग्रहित जमीन के बदले स्थाई रोजगार देने की मांग पर लंबे समय से आंदोलन चल रहा है। आंदोलनकारियों का आरोप है कि एसईसीएल ने 1978-2004 के बीच छल-कपट करके ग्रामीणों की भूमि का अधिग्रहण कर लिया है, लेकिन उसने रोजगार और पुनर्वास के अपने आश्वासन को आज तक पूरा नहीं किया है। नियम-कायदों को इस तरह से बदल दिया गया है कि हजारों अधिग्रहण-प्रभावित ग्रामीण आज भी रोजगार के लिए भटक रहे हैं। एसईसीएल के इस जन विरोधी रवैए के खिलाफ भू विस्थापितों द्वारा पिछले तीन साल से एसईसीएल के कुसमुंडा मुख्यालय पर अनिश्चितकालीन धरना दिया जा रहा है।

पूर्व घोषित कार्यक्रम के अनुसार आज सुबह से ही सैकड़ों भूविस्थापितों ने एसईसीएल के बिलासपुर मुख्यालय पर डेरा डाल दिया, जिसके कारण प्रबंधन को मुख्यालय का मुख्य द्वार बंद करना पड़ा। इससे मुख्यालय का कामकाज ठप्प हो गया। आंदोलनकारियों द्वारा रात को भी घेराव जारी रखने की घोषणा के बाद प्रबंधन को बातचीत के लिए मजबूर होना पड़ा। प्रबंधन ने 10 दिनों के अंदर सभी लंबित रोजगार प्रकरणों पर कार्यवाही का आश्वासन दिया है। सकारात्मक कार्यवाही ने होने पर भूविस्थापितों ने 23 अगस्त को कुसमुंडा और गेवरा खदान बंद करने की भी घोषणा की है।

छत्तीसगढ़ किसान सभा के प्रदेश संयुक्त सचिव प्रशांत झा ने कहा है कि विकास परियोजना के नाम पर गरीबों को सपने दिखाकर उनकी जमीन को लूटा गया है। इस लूट के खिलाफ संघर्ष जारी रहेगा।

मुख्यालय के सामने प्रदर्शन में अनिल बिंझवार, रघुनंदन, नरेश, कृष्ण कुमार, नरेंद्र, होरीलाल, सुमेंद्र सिंह, अनिरुद्ध, हरिशरण, डूमन, उमेश, विजय, लम्बोदर, उत्तम, जितेंद्र, गणेश, नरेश दास, मानिक दास, नौशाद अंसारी, हेमलाल, विष्णु, मुनीराम के साथ बड़ी संख्या में भू-विस्थापित उपस्थित थे।

StarNewsHindi

All news article is reviewed and posted by our Star News Television Team. If any discrepancy found in any article, you may contact [email protected] or you may visit contact us page

Related Articles

प्रातिक्रिया दे

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा. आवश्यक फ़ील्ड चिह्नित हैं *

Back to top button