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भारत लोक शिक्षा परिषद करेगा एकल वार्षिक अमृत महोत्सव का आयोजन

सुषमा रानी
नई दिल्ली। भारत के दूर-दराज के इलाकों में जनजातीय और ग्रामीण बच्चों को शिक्षा प्रदान करने, ग्रामीण सशक्तिकरण, लैंगिक और सामाजिक समानता स्थापित करने के प्रतिबद्ध संस्था भारत लोक शिक्षा परिषद द्वारा 18 फ़रवरी 2024 को होटल ली मेरिडियन, कनॉट प्लेस दिल्ली में शिक्षित, स्वस्थ्य एवं समृद्ध भारत के निर्माण के लिए राष्ट्रीय दायित्व सम्मान, एवं राष्ट्रीय महिला विभाग और मणिपुरी कलाकारों द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम का भव्य आयोजन किया जा रहा है।
प्रेस क्लब ऑफ इंडिया में आयोजित एक एक प्रेस वार्ता में सीएसआर विभाग के ट्रस्टी और चेयरमैन ने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि विश्व का सर्वश्रेष्ठ सामाजिक शिक्षा संगठन एकल अभियान पंचमुखी शिक्षा (शिक्षा, स्वास्थ्य, संस्कार, जागरण एवं स्वावलंबन के माध्यम से गावों के सर्वांगीण विकास के लिए कार्यरत है। वर्तमान में बिना किसी सरकारी सहायता के लगभग एक लाख एकल विद्यालय सफलतापूर्वक संचालित किये जा रहे हैं जिसके माध्यम से लगभग 28 लाख बच्चे शिक्षा से लाभान्वित हो रहे हैं | 26 फरवरी 2019 को एकल अभियान ट्रस्ट को वर्ष 2017 के लिए भारत सरकार द्वारा गांधी शान्ति पुरस्कार दिया गया। राष्ट्र की चहुंमुखी प्रगति, विकास और राष्ट्र एवं संस्कृति को श्रेष्ठता के शिखर पर पुनः प्रतिष्ठित करने के लिए आज एकल अभियान को अधिक से अधिक बच्चों और गावों में पहुंचाने की आवश्यकता है।

भारत लोक परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष व संयुक्त महासचिव ने बताया कि संस्था का उद्देश्य जिसका उद्देश्य ग्रामीण एवं आदिवासी क्षेत्रों में रहने वाले जरूरतमंद बच्चों तक शिक्षा पहुंचने के लिए समाज के प्रतिष्ठित दानदाता बंधुओं को एकल से जोड़ना, एकल का प्रचार प्रसार करना एवं एकल विद्यालय के लिए धन संग्रह करना है। इस कार्यक्रम में समाज के प्रतिष्ठित समाजसेवी, राजनेता, उद्योगपति, नौकरशाह, केंद्रीय पदाधिकारी, चैप्टर के पदाधिकारी एवं अन्य सभी संगठनों से आये हुए सम्मानित गणमान्य महानुभाव अपनी गरिमामयी उपस्थिति दर्ज कराएंगे।
वर्ष 1989 में झारखंड से 60 एकल विद्यालयों से शुरू हुआ ये अभियान आज एक लाख विद्यालयों तक पहुंच चुका है। विद्यालय में औसतन 25 से 30 छात्रों के साथ सप्ताह में 6 दिन, 3 घंटे के लिए चलाता है। जिसका मुख्य उद्देश्य पढ़ने, लेखन, मूल अंकगणित, सामान्य विज्ञान और बुनियादी सामाजिक अध्ययन, बुनियादी कौशल को पढ़ाना है ।
एकल की उपयोगिता एवं राष्ट्र निर्माण में इसके महत्त्व को इस बात से भी समझा जा सकता है कि देश के प्रतिष्ठित संत समाज, शीर्ष राजनेता, सेलिब्रिटीज, बुद्द्जिवी एवं समाजसेवी लोगों ने एकल के कार्य से प्रभावित होकर इसे सराहा है |
एकल राष्ट्र निर्माण के साथ सामाजिक परिवर्तन लाने मे कार्यरत है। इसका उद्देश्य शिक्षित भारत, स्वस्थ भारत, स्वावलंबी भारत, जागरूक भारत, नशामुक्त भारत, संगठित भारत, सुरक्षित भारत, समरस भारत है। उन्होंने कहा कि आज भारत को धर्मांतरण नक्सलवाद, माओवाद, आतंकवाद, गांवों से शहरों में पलायन, अशिक्षा, बीमारी, गरीबी आदि समस्याओं ने राष्ट्र को घेरा है, एकल एक प्रहरी के रूप में इन समस्याओं को दूर करने के लिए कार्यरत है ।

एकल मॉडल स्वामी विवेकानंद के दर्शन, सामाजिक सद्भाव और डॉ. बी. आर. अम्बेडकर के समानता के सिद्धांतों और महात्मा गांधी के ग्राम विकास मॉडल से प्रेरित है। जो निरक्षरता को खत्म करने और ग्रामीण और आदिवासी भारत के सामाजिक और आर्थिक विकास का समग्र दृष्टिकोण अपनाने में मदद करता है ।

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